छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान GK / Chhattisgarh GK in Hindi 2025
Chhattisgarh GK in Hindi
छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान जानकारी
छत्तीसगढ़ का संक्षिप्त परिचय
छत्तीसगढ़ भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत, और खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य 1 नवंबर 2000 को मध्यप्रदेश से विभाजित होकर भारत का 26वाँ राज्य बना।
1. छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति :---
राजधानी:
रायपुर
स्थापना
दिवस: 1 नवंबर 2000
क्षेत्रफल:
लगभग 1,35,192 वर्ग किलोमीटर
स्थान:
पूर्व-मध्य भारत
सीमाएँ:
उत्तर में उत्तर प्रदेश, उत्तर-पश्चिम में मध्यप्रदेश, पश्चिम में महाराष्ट्र, दक्षिण
में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश, पूर्व में ओडिशा और झारखंड।
2. छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमी :---
प्राचीन नाम: दक्षिण कोसल
इतिहास:
छत्तीसगढ़ का उल्लेख रामायण और महाभारत में भी मिलता है। यह क्षेत्र मौर्य, गुप्त,
कलचुरी और मराठों के अधीन रहा।
नाम
की उत्पत्ति: कहा जाता है कि यहाँ पहले 36 किलों (गढ़ों) का समूह था, जिससे इसका नाम
छत्तीसगढ़ पड़ा।
3. छत्तीसगढ़ की प्रमुख विशेषताएँ :---
खनिज
संपदा: भारत का "खनिज भंडार" कहा जाता है। कोयला, लोहा, बॉक्साइट, चूना-पत्थर,
डोलोमाइट आदि।
वन
क्षेत्र : राज्य का लगभग 44% भाग वनों से आच्छादित है।
उद्योग : भिलाई स्टील प्लांट, जिंदल, BALCO जैसे बड़े उद्योग स्थित हैं।
बिजली
उत्पादन : छत्तीसगढ़ को भारत का "पावर हब" भी कहा जाता है।
जनजातियाँ : गोंड, बैगा, पंडो, अबूझमाड़िया जैसी जनजातियाँ यहाँ निवास करती हैं।
नृत्य-संस्कृति : पंथी, राउत नाचा, सुआ, करमा जैसे लोकनृत्य प्रसिद्ध हैं।
पर्व-त्योहार : बस्तर दशहरा, हरेली, गोंचा, भोजली, नवाखाई
पर्यटन : चित्रकोट जलप्रपात, कुटुमसर गुफा, सीतानदी-अचानकमार, गुरु घासीदास पार्क, सिरपुर, रामगढ़
गुफाएँ आदि।
4. छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति :---
कृषि: धान मुख्य फसल, राज्य को "धान का कटोरा" कहा जाता है।उद्योग: लोहा-इस्पात, एल्युमिनियम, सीमेंट, बिजली उत्पादन
सेवा क्षेत्र: शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट तेज़ी से बढ़ रहा है।
5. छत्तीसगढ़ की शिक्षा और संस्थान :---
प्रमुख विश्वविद्यालय: पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, IIM रायपुर, AIIMS रायपुर, NIT रायपुरतकनीकी विकास: स्किल डेवलपमेंट और डिजिटल छत्तीसगढ़ जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
6. छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान :---
लोक कला: दीवार चित्रकला, गोदना कला, टेराकोटा शिल्पसाहित्य: संत गुरुघासीदास, कबीरपंथ, दाऊ वासुदेव झा, और लोककथाओं की समृद्ध परंपरा
भाषा-संस्कृति: छत्तीसगढ़ी भाषा में फिल्मों, गीतों, और साहित्य का तेज़ी से विकास हो रहा है।
छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि | Historical Background of Chhattisgarh in Hindi
छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली रही है। प्राचीन काल में यह क्षेत्र “दक्षिण कोसल” के नाम से जाना जाता था और इसका उल्लेख रामायण तथा महाभारत जैसे ग्रंथों में भी मिलता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम अपने वनवास काल में माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ इसी क्षेत्र से होकर गुजरे थे। मौर्य काल में यह क्षेत्र सम्राट अशोक के अधीन रहा, जिसकी पुष्टि शिलालेखों और बौद्ध स्तूपों से होती है।गुप्त वंश और कलचुरी राजवंशों के समय छत्तीसगढ़ में कला, संस्कृति और धर्म का स्वर्णकाल देखा गया। खासकर रतनपुर, मालखरौदा और सिरपुर जैसे स्थानों में बौद्ध, जैन और हिन्दू मंदिरों की उत्कृष्ट स्थापत्य कला देखने को मिलती है। सिरपुर को तत्कालीन समय में एक प्रसिद्ध बौद्ध शिक्षण केंद्र के रूप में भी जाना जाता था।
मध्यकाल में छत्तीसगढ़ में कलचुरियों का शासन था, जिनके अधीन राज्य का प्रशासन और संस्कृति खूब फली-फूली। इसके बाद मराठों ने इस क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित किया और फिर यह ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आया। ब्रिटिश काल में यह क्षेत्र प्रशासनिक रूप से मध्यप्रांत और बरार का हिस्सा बना रहा।
1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश से अलग कर एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया गया। इसके बाद से यह राज्य लगातार विकास की ओर अग्रसर है, और आज यह भारत का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक, खनिज और औद्योगिक केंद्र बन चुका है।
छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति | Geographical Location of Chhattisgarh in Hindi
छत्तीसगढ़, भारत के पूर्व-मध्य भाग में स्थित एक सुंदर और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर राज्य है। यह राज्य 21.27° उत्तरी अक्षांश और 81.60° पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। छत्तीसगढ़ का कुल क्षेत्रफल लगभग 1,35,192 वर्ग किलोमीटर है, इसका भूगोल विविधतापूर्ण है, जहाँ एक ओर घने वन हैं तो दूसरी ओर उपजाऊ मैदान भी।इस राज्य की सीमाएं उत्तर में उत्तर प्रदेश, उत्तर-पश्चिम में मध्यप्रदेश, पूर्व में ओडिशा, दक्षिण में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश, तथा पश्चिम में महाराष्ट्र से लगती हैं। यह केंद्र में होने के कारण प्राकृतिक रूप से अन्य राज्यों से भी भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से जुड़ा हुआ है।
छत्तीसगढ़ की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है, जिसमें गर्मी, बारिश और ठंड तीनों ऋतुएँ स्पष्ट रूप से महसूस होती हैं। वर्षा मुख्यतः दक्षिण-पश्चिम मानसून के द्वारा होती है, और औसत वार्षिक वर्षा 1200 से 1500 मिमी के बीच होती है।
राज्य का प्रमुख भाग मध्यवर्ती पठारी क्षेत्र (छत्तीसगढ़ प्लेन) में आता है, जो कृषि के लिए अत्यंत उपजाऊ माना जाता है। इस कारण इसे "धान का कटोरा" भी कहा जाता है। पूर्वी भाग में बस्तर पठार, और उत्तर में सरगुजा का पहाड़ी क्षेत्र स्थित है, जो यहाँ की भौगोलिक विविधता को और बढ़ाते हैं। राज्य की प्रमुख नदियाँ — महानदी, शिवनाथ, इंद्रावती, अरपा, और हसदेव — यहाँ की कृषि, उद्योग और जनजीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
लगभग 44% भू-भाग वन क्षेत्र से ढंका हुआ है, जो इसे जैवविविधता और वन्यजीवों के लिए उपयुक्त बनाता है। यहाँ गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, अचानकमार बायोस्फीयर रिज़र्व, और कांकेर घाटी जैसे संरक्षित क्षेत्र स्थित हैं।
छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति न केवल इसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध बनाती है, बल्कि यह राज्य भारत के ऊर्जा उत्पादन, खनिज दोहन, और औद्योगिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
छत्तीसगढ़: जनसंख्या, जनजाति और संस्कृति | Chhattisgarh Population, Tribes and Culture in Hindi
छत्तीसगढ़ भारत का एक ऐसा राज्य है जहाँ जनसंख्या की विविधता, जनजातीय परंपराएँ और लोक-संस्कृति राज्य की पहचान को गहराई देती हैं। यहाँ की सामाजिक बनावट, रीति-रिवाज और जीवनशैली राज्य को सांस्कृतिक रूप से बेहद समृद्ध बनाते हैं।1. जनसंख्या (Population of Chhattisgarh)
2021 के अनुमान अनुसार छत्तीसगढ़ की जनसंख्या लगभग 3 करोड़ के आसपास है। 2011 की जनगणना के अनुसार यह संख्या 2.55 करोड़ थी।- जनसंख्या घनत्व: लगभग 189 व्यक्ति/वर्ग किमी
- लिंगानुपात: प्रति 1000 पुरुषों पर लगभग 991 महिलाएं
- साक्षरता दर: लगभग 71%
- शहरी आबादी: लगभग 23%
- ग्रामीण आबादी: लगभग 77%
2. छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ (Tribes of Chhattisgarh)
छत्तीसगढ़ को भारत का जनजातीय प्रदेश भी कहा जाता है। यहाँ की कुल जनसंख्या में लगभग 30% हिस्सा जनजातीय समुदायों का है।राज्य की कुछ प्रमुख जनजातियाँ इस प्रकार हैं:
- गोंड: सबसे बड़ी जनजाति; विशेष रूप से बस्तर, कांकेर और दंतेवाड़ा क्षेत्रों में
- बैगा: विशेष रूप से कवर्धा और मंडला क्षेत्र में पाई जाती है
- पंडो: उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में
- अबूझमाड़िया: अबूझमाड़ के घने जंगलों में पाई जाती है
- हल्बा, कोरकू, कमार, भुंजिया, भतरा, उरांव आदि अन्य जनजातियाँ भी निवास करती हैं
3. छत्तीसगढ़ की संस्कृति (Culture of Chhattisgarh)
लोकनृत्य:
- पंथी नृत्य: सतनामी समाज का प्रमुख धार्मिक नृत्य
- राउत नाचा: यादव समुदाय का पारंपरिक युद्ध शैली वाला नृत्य
- सुआ नृत्य: महिलाओं द्वारा दीपावली के समय किया जाने वाला नृत्य
- करमा नृत्य: आदिवासी समाज का सामूहिक नृत्य
लोक संगीत और वाद्य:
- मांदर, ढोल, मंजीरा, नगाड़ा जैसे वाद्य यंत्रों का प्रयोग
- लोक गीतों में प्रकृति, प्रेम, त्यौहार और देवताओं की आराधना
त्योहार:
- बस्तर दशहरा: विश्व का सबसे लंबा चलने वाला दशहरा
- हरेली: खेती से जुड़ा पारंपरिक त्यौहार
- गोंचा, भोजली, नवाखाई, मडई ग्रामीण और आदिवासी जीवन से जुड़े पर्व।
- प्रमुख भाषाएं: छत्तीसगढ़ी, हिंदी, और जनजातीय बोलियाँ
- महिलाएँ पारंपरिक लुगड़ा पहनती हैं, जबकि पुरुष धोती-कुर्ता पहनते हैं
- गहनों और सिर पर बांधे जाने वाले पगड़ी व गमछा का विशेष महत्व है
छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियां एवं जलस्रोत
महानदी :-
शिवनाथ नदी : -
शिवनाथ नदी छत्तीसगढ़ राज्य की एक प्रमुख नदी है, जो महानदी की सबसे बड़ी सहायक नदी मानी जाती है।शिवनाथ नदी का मार्ग शिवनाथ नदी छत्तीसगढ़ के कई जिलों से होकर बहती है, जिनमें कवर्धा, मुंगेली, बिलासपुर, बेमेतरा, दुर्ग और रायपुर प्रमुख हैं। यह नदी इन क्षेत्रों की सिंचाई और जल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है। शिवनाथ नदी में कई छोटी नदियाँ भी मिलती हैं, जिनमेंशिवनाथ नदी की सहायक नदियाँ खासकर अर्मरी, खरखरा और सकरी प्रमुख हैं। यह नदी दुर्ग के पास जाकर महानदी में मिल जाती है। धार्मिक दृष्टि से भी शिवनाथ नदी को पवित्र माना जाता है और इसके किनारे अनेक तीर्थ स्थल और मेले लगते हैं। छत्तीसगढ़ की आर्थिक, कृषि और सांस्कृतिक दृष्टि से यह नदी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इंद्रावती नदी :–
छत्तीसगढ़ की पूर्व दिशा में बहने वाली प्रमुख नदी
अरपा नदी: –
अरपा नदी की कुल लंबाई लगभग 100 किलोमीटर है और इसका अधिकांश प्रवाह बिलासपुर जिले में होता है। यह नदी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, कोरबा और जांजगीर-चांपा जिलों से होकर बहती है।
अरपा नदी महानदी अरपा नदी महानदी की सहायक नदी है और यह अंत में शिवनाथ नदी में विसर्जन होती है, जो आगे जाकर महानदी में समाहित हो जाती है। अरपा नदी का क्षेत्र कृषि और जल उपयोग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन हाल के वर्षों में प्रदूषण और शहरीकरण के कारण इसकी स्थिति चिंताजनक हो गई है। सरकार द्वारा अरपा योजना जैसे प्रयास किए गए हैं ताकि नदी को पुनर्जीवित किया जा सके। धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अरपा नदी का क्षेत्र विशेष महत्व रखता है।
अरपा नदी – बिलासपुर की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर छत्तीसगढ़ राज्य के हरे-भरे अंचल में बहने वाली अरपा नदी सिर्फ एक जलधारा नहीं, बल्कि बिलासपुर की पहचान है। इस नदी की शुरुआत राज्य के उत्तर में स्थित पेंड्रा क्षेत्र के पास के खोड़ा पहाड़ से होती है। यह नदी अपने लगभग 144 किलोमीटर लंबे सफर में कई छोटे गाँवों और खेतों को जीवन देती हुई बिलासपुर शहर से होकर गुजरती है।
अरपा नदी का बहाव शांत, सरल और स्थायी होता है – जैसे छत्तीसगढ़ की मिट्टी की आत्मा। यह नदी सीतानदी में मिलती है, जो आगे चलकर महानदी का हिस्सा बनती है। बिलासपुर शहर के लोग इसे सिर्फ जल स्रोत नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव के रूप में देखते हैं।
हालांकि, बीते वर्षों में नदी के किनारों पर अत्यधिक अतिक्रमण, शहरी कचरे, और घटते जलस्तर ने चिंता बढ़ाई है। इसे देखते हुए सरकार द्वारा "अरपा बचाओ" और "अरपा विकास योजना" जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इसकी निर्मलता देख सकें।
छत्तीसगढ़ के प्रमुख जनजातियां
गोंड जनजाति –
छत्तीसगढ़ की धरती की आत्माबैगा जनजाति –
जंगलों की आत्मा और प्रकृति के पुजारीछत्तीसगढ़ की घने जंगलों और शांत पहाड़ियों के बीच निवास करने वाली बैगा जनजाति को अक्सर "प्रकृति के पुजारी" कहा जाता है। यह जनजाति विशेष रूप से मुंगेली, कबीरधाम (कवर्धा), बिलासपुर और अमरकंटक के आसपास के क्षेत्रों में पाई जाती है। बैगा जनजाति की उपस्थिति न सिर्फ छत्तीसगढ़, बल्कि मध्यप्रदेश के भी आदिवासी जीवन को गहराई से दर्शाती है।
पंडो जनजाति –
छत्तीसगढ़ की विलुप्त होती विरासतअबूझमाड़िया जनजाति –
रहस्य और परंपरा से भरा छत्तीसगढ़ का अनजाना संसार
छत्तीसगढ़
की गहराइयों में बसा एक ऐसा क्षेत्र है जिसे ‘अबूझमाड़’ कहा जाता है — और यहीं निवास
करती है एक विशेष और रहस्यमयी जनजाति: अबूझमाड़िया जनजाति। यह जनजाति मुख्यतः बस्तर
संभाग के नारायणपुर और बीजापुर जिलों के सघन जंगलों और दुर्गम पहाड़ी इलाकों में पाई
जाती है।
अबूझमाड़िया
जनजाति को भारत सरकार द्वारा PVTG (Particularly Vulnerable Tribal Group) यानी विशेष
संरक्षित जनजातीय समूह में शामिल किया गया है। इनकी जनसंख्या बहुत कम है और बाहरी दुनिया
से संपर्क लगभग नगण्य है, जिससे इनकी संस्कृति अब तक रहस्यमयी बनी हुई है।
अबूझमाड़िया
समाज का जीवन पूर्णतः आत्मनिर्भर है। ये लोग झूम खेती, वनोपज संग्रहण, शिकार और स्थानीय
संसाधनों पर आधारित जीवन जीते हैं। इनकी भाषा और बोलचाल में गोंडी और माड़िया भाषाओं
का मिश्रण मिलता है, लेकिन ये लोग बाहरी लोगों से बहुत कम संवाद करते हैं।
इनकी
धार्मिक आस्थाएँ प्रकृति से जुड़ी होती हैं — पेड़, पर्वत, सूर्य और पूर्वज इनके प्रमुख
आराध्य हैं। ये लोग नाच-गान, त्योहार और पारंपरिक अनुष्ठानों में विश्वास रखते हैं।
'गौर नृत्य' और 'धुरवा नृत्य' जैसे जनजातीय नृत्य इनके सामूहिक जीवन की छाया हैं।
छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य एवं लोकगीत -
(Chhattisgarh Paragraph GK)
पंथी नृत्य –
करमा नृत्य –
सुआ नृत्य –
राउत नाचा –
छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार एवं मेले (Chhattisgarh Paragraph GK Hindi में )
छत्तीसगढ़ का छेरछेरा त्यौहार
छत्तीसगढ़ का छेरछेरा त्यौहार एक पारंपरिक कृषि पर्व है, जो राज्य की ग्रामीण और आदिवासी संस्कृति में गहराई से रचा-बसा हुआ है। यह पर्व हर साल पौष मास की पूर्णिमा (जनवरी में) के दिन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह फसल कटाई के बाद धन-समृद्धि, अन्न और भाईचारे का उत्सव है, जिसमें गाँवों के बच्चे और युवक टोली बनाकर “छेरछेरा को!” कहकर घर-घर जाते हैं और अन्न (धान, चावल), गुड़, सब्जियाँ या दान के रूप में कुछ न कुछ प्राप्त करते हैं।त्यौहार का मुख्य उद्देश्य समाज में साझा संस्कृति और सहयोग की भावना को बढ़ावा देना होता है। ग्रामीण परिवार पहले से अन्न और उपहारों को तैयार रखते हैं और उल्लासपूर्वक सभी को देते हैं। इस दिन गाँवों में नृत्य, गीत और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनें गूंजती हैं। बच्चे, महिलाएं और पुरुष रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजकर भाग लेते हैं।
छेरछेरा सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की आदिम संस्कृति और आत्मनिर्भर ग्राम व्यवस्था का प्रतीक है। यह पर्व दर्शाता है कि जब खेती कट चुकी होती है और घरों में अन्न भर जाता है, तब समाज के हर वर्ग को उसका हिस्सा देना हमारा कर्तव्य है।
छत्तीसगढ़ का मड़ई मेला
यह मेला सामूहिक मेल-मिलाप का अवसर देता है और साथ ही स्थानीय कारीगरों, व्यापारियों और कलाकारों को आर्थिक अवसर भी प्रदान करता है। हस्तशिल्प, लोकपोत, बांस उत्पाद, औषधीय जड़ी-बूटियाँ जैसे कई स्थानीय उत्पादों की बिक्री इस मेले में होती है।
बस्तर दशहरा –
हरेली पर्व –
गोंचा पर्व –
बस्तर का अद्भुत रथयात्रा महोत्सव
गोंचा पर्व छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल का एक अनोखा, परंपरागत और बेहद रोचक धार्मिक-सांस्कृतिक उत्सव है। यह पर्व विशेष रूप से जगदलपुर में मनाया जाता है और इसका आयोजन जगन्नाथ रथयात्रा के अवसर पर होता है। हालांकि मूल प्रेरणा पुरी (उड़ीसा) की रथयात्रा से ली गई है, लेकिन गोंचा पर्व की शैली, रंग और भावना पूरी तरह छत्तीसगढ़ी और आदिवासी संस्कृति से जुड़ी होती है।
गोंचा पर्व की प्रमुख विशेषताएँ:
1.
गोंचा क्या है?
‘गोंचा’ एक प्रकार का लकड़ी या कागज से बना तीर होता है, जिसे ‘तोपीनुमा बांस की बंदूक (टेमरू बंदूक)’ में डालकर चलाया जाता है। बच्चे, युवा और बड़े इसे खेल-खेल में एक-दूसरे पर चलाते हैं, जो हर्ष, उत्साह और मैत्री का प्रतीक माना जाता है।
2.
जगन्नाथ जी की रथयात्रा:
इस पर्व का केंद्र बिंदु होता है भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम की रथ यात्रा, जो पारंपरिक ढंग से विशाल रथों में निकलती है। रथ खींचने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
3.
आदिवासी लोक जीवन की झलक:
गोंचा पर्व में बस्तर की जनजातियाँ पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होती हैं और लोकनृत्य, ढोल-मांदर के साथ उत्सव को जीवंत और रंगीन बना देती हैं।
4. बाजार और सांस्कृतिक मेले
इस अवसर पर जगदलपुर में विशाल हाट-बाजार लगता है, जहाँ पारंपरिक वस्त्र, सजावट, हस्तशिल्प और छत्तीसगढ़ी व्यंजन उपलब्ध होते हैं। साथ ही नाटक, गीत, लोकनृत्य, कव्वाली और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
5.
भाईचारे का संदेश:
गोंचा पर्व सिर्फ धार्मिक उत्सव नहीं, यह सामाजिक मेलजोल, सौहार्द और भाईचारे को भी बढ़ावा देता है। इसमें कोई जाति, वर्ग या संप्रदाय का भेदभाव नहीं होता — सब मिलकर आनंद लेते हैं।
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और कृषि | Chhattisgarh Economy and Agriculture in Hindi
छत्तीसगढ़ भारत के मध्य भाग में स्थित एक खनिज, कृषि और वन-सम्पन्न राज्य है, जिसकी अर्थव्यवस्था मुख्यतः प्राथमिक (Primary) और द्वितीयक (Secondary) क्षेत्रों पर आधारित है। यहाँ की अर्थव्यवस्था में कृषि, खनिज, उद्योग, वनों और ऊर्जा का विशेष योगदान है।छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था (Chhattisgarh Economy):-
1. खनिज आधारित अर्थव्यवस्था:--
छत्तीसगढ़ को "भारत का धातु राज्य" कहा जाता है क्योंकि यहाँ कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, डोलोमाइट, टिन, चूना पत्थर आदि खनिजों की भरपूर उपलब्धता है।कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, दुर्ग, और सरगुजा खनिज उत्पादन के केंद्र हैं।
2. औद्योगिक विकास:--
छत्तीसगढ़ में भिलाई स्टील प्लांट, NTPC, BALCO, SECL, और Jindal Steel जैसे बड़े उद्योग हैं।रायगढ़, कोरबा और भिलाई जैसे शहर औद्योगिक हब के रूप में विकसित हो चुके हैं।
3. बिजली उत्पादन में अग्रणी:--
छत्तीसगढ़ को "भारत का पावर हब" भी कहा जाता है।Thermal और Hydro power संयंत्रों के माध्यम से यह राज्य बिजली का बड़ा उत्पादक है।
4. वन संपदा और जैव विविधता:--
कुल क्षेत्रफल का लगभग 44% हिस्सा वनों से ढका हुआ है। इससे लघु वनोपज (तेंदूपत्ता, महुआ, लाख, इमली) से लाखों आदिवासी लाभान्वित होते हैं।5. सेवा क्षेत्र (Services Sector):--
शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग, पर्यटन और सरकारी सेवाओं का विस्तार भी धीरे-धीरे राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान देने लगा है।छत्तीसगढ़ की कृषि (Agriculture in Chhattisgarh):
1. धान की खेती का प्रमुख राज्य:
छत्तीसगढ़ को "धान का कटोरा" (Rice Bowl of India) कहा जाता है क्योंकि यहाँ की सबसे बड़ी आबादी धान की खेती पर निर्भर करती है।प्रमुख धान उत्पादक क्षेत्र: रायपुर, महासमुंद, बिलासपुर, बालोद, जांजगीर-चांपा।
2. अन्य प्रमुख फसलें:
रबी फसलें: गेहूं, चना, सरसों।खरीफ फसलें: धान, कोदो, कुटकी, मक्का, अरहर, सोयाबीन।
नकदी फसलें: गन्ना, कपास।
3. कृषि प्रणाली:
अधिकतर खेती मानसून पर आधारित है।राज्य सरकार सूक्ष्म सिंचाई, सौर सिंचाई, और कृषक समृद्धि योजनाओं को बढ़ावा दे रही है।
4. कृषि उत्पाद विपणन:
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान खरीदी केंद्र, मंडी समितियाँ, और राजीव गांधी किसान न्याय योजना जैसी योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिल सके।छत्तीसगढ़ के खनिज एवं उद्योग
छत्तीसगढ़ के खनिज और उद्योग | Chhattisgarh Ke Khanij Aur Udyog in Hindi
छत्तीसगढ़ राज्य को भारत के खनिज और धातु उत्पादन का केंद्र माना जाता है। यहाँ की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा खनिज संसाधनों और भारी उद्योगों पर आधारित है। राज्य में खनिजों की भरपूर उपलब्धता होने के कारण यहां खनिज आधारित उद्योगों का विकास तेज़ी से हुआ है।
छत्तीसगढ़ के प्रमुख खनिज (Major Minerals of Chhattisgarh):
छत्तीसगढ़ को "खनिजों का भंडार" कहा जाता है। राज्य में 28 प्रकार के खनिजों की खोज और खनन होता है।
इन खनिजों से राज्य को राजस्व, रोजगार और औद्योगिक विकास का बड़ा लाभ मिलता है।
छत्तीसगढ़ में पाई जाने वाली प्रमुख खनिज संपदाएं:
1. कोयला (Coal) – ऊर्जा का आधार
छत्तीसगढ़ भारत का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है।यहाँ कोयले की प्रमुख खानें हैं: कोरबा, सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा।
यह कोयला बिजली उत्पादन और इस्पात उद्योग के लिए अत्यंत आवश्यक है।
2. लोहा (Iron Ore) – इस्पात उद्योग की रीढ़
बस्तर (दंतेवाड़ा, नारायणपुर) और राजनांदगांव जिले में उच्च गुणवत्ता का लौह अयस्क पाया जाता है।Bailadila की खदानें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं।
3. बॉक्साइट (Bauxite) – एल्युमिनियम का स्रोत
बॉक्साइट से एल्युमिनियम तैयार किया जाता है।यह विशेष रूप से कोरबा, कांकेर, बस्तर, जशपुर जिलों में पाया जाता है।
4. चूना पत्थर (Limestone) – सीमेंट उद्योग का मूल
बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, बालोद और राजनांदगांव जिले चूना पत्थर के लिए प्रसिद्ध हैं।इससे छत्तीसगढ़ में कई सीमेंट कारखाने स्थापित हैं।
5. डोलोमाइट (Dolomite) – इस्पात और कांच उद्योग में उपयोगी
बलौदाबाजार, जांजगीर और दुर्ग जिलों में डोलोमाइट की खानें हैं।इसका प्रयोग इस्पात, फर्नेस लाइनिंग और कांच निर्माण में होता है।
6. टिन अयस्क (Tin Ore) – छत्तीसगढ़ की विशेष पहचान
भारत में टिन अयस्क सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही पाया जाता है, विशेषकर कांकेर और दंतेवाड़ा जिलों में।यह बहुत ही दुर्लभ और मूल्यवान खनिज है।
छत्तीसगढ़ के औद्योगिक नगर – विकास की धड़कन Chhattisgarh GK in Hindi
1. भिलाई (Bhilai) – इस्पात नगरी
- छत्तीसगढ़ का सबसे प्रमुख औद्योगिक नगर।
- यहां स्थित है भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant - BSP) जो भारत का सबसे बड़ा स्टील प्लांट है।
- BSP का निर्माण सोवियत संघ की मदद से 1959 में हुआ था।
- यहाँ से रेल पटरी, स्टील पाइप, संरचनात्मक इस्पात का निर्माण होता है।
- अन्य उद्योग: इंजीनियरिंग यूनिट, सीमेंट फैक्टरी, इलेक्ट्रिकल इकाइयाँ।
2. रायपुर – औद्योगिक राजधानी
- छत्तीसगढ़ की राजधानी और एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र।
- यहाँ इस्पात, एलॉय स्टील, सीमेंट, पॉलीमर, प्लास्टिक, रसायन, कृषि उपकरण जैसे कई प्रकार के उद्योग स्थापित हैं।
- Urla और Siltara औद्योगिक क्षेत्र राज्य के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल एरिया में गिने जाते हैं।
- रायपुर को "Mini Steel Hub of India" भी कहा जाता है।
3. कोरबा – ऊर्जा नगरी (Power Capital)
छत्तीसगढ़ का बिजली उत्पादन केंद्र।यहाँ स्थित हैं:
- NTPC (राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम)
- CSPGCL (छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी)
- BALCO (भारत एल्युमिनियम कंपनी) – भारत की प्रमुख एल्युमिनियम निर्माण इकाई।
- कोयले की भरपूर उपलब्धता के कारण भारी उद्योग यहाँ फले-फूले हैं।
4. रायगढ़ – ऊर्जा और इस्पात क्षेत्र
- रायगढ़ एक तेजी से उभरता हुआ औद्योगिक नगर है।
- यहाँ कई थर्मल पावर प्लांट, इस्पात और एल्युमिनियम यूनिट्स कार्यरत हैं।
- जिंदल समूह (Jindal Steel & Power Ltd.) की बड़ी इकाई यहाँ है।
- साथ ही चूना पत्थर और बॉक्साइट खनन भी यहाँ होता है।
5. दुर्ग – इस्पात व निर्माण उद्योग
- दुर्ग, भिलाई के पास स्थित है और दोनों मिलकर एक औद्योगिक बेल्ट बनाते हैं।
- यहाँ स्टील फैक्ट्रियाँ, इंजीनियरिंग वर्कशॉप्स, ऑटो पार्ट्स और सीमेंट उद्योग स्थापित हैं।
- राज्य के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में से एक।
6. बिलासपुर – रेलवे और ऊर्जा का केंद्र
- बिलासपुर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय है।
- यहाँ रेल कोच मरम्मत कारखाना (SECR Zone) और बिजली उत्पादन से जुड़े उद्योग स्थापित हैं।
- यह नगर आवासीय और वाणिज्यिक विकास में भी तेज़ी से बढ़ रहा है।
7. जांजगीर-चांपा – पावर प्लांट हब
- यह क्षेत्र कोरबा और रायगढ़ के साथ मिलकर थर्मल पावर बेल्ट बनाता है।
- यहाँ कई प्राइवेट और पब्लिक पावर प्लांट हैं।
- कोयले और जल स्रोतों की उपलब्धता इसे ऊर्जा क्षेत्र के लिए उपयुक्त बनाती है।
छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन – भारत की ऊर्जा राजधानी
छत्तीसगढ़
को अक्सर भारत की "ऊर्जा राजधानी" (Power Hub of India) कहा जाता है। इसका
मुख्य कारण है यहाँ की बिजली उत्पादन क्षमता, जो देश के कई राज्यों को बिजली सप्लाई
करती है। राज्य में थर्मल (कोयला आधारित), हाइड्रो (जलविद्युत), और रिन्युएबल (सौर/पवन)
स्रोतों से बिजली उत्पादन होता है।
1. कोयला आधारित बिजली उत्पादन (Thermal Power)
छत्तीसगढ़ में कोयले का विशाल भंडार है, विशेषकर कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा जैसे जिलों में। यही कारण है कि राज्य का अधिकांश बिजली उत्पादन थर्मल पावर प्लांट्स से होता है।2. जलविद्युत परियोजनाएं (Hydro Power Projects)
- राज्य की कुछ बिजली परियोजनाएं नदी जल के माध्यम से बिजली बनाती हैं, जिन्हें हाइड्रो प्रोजेक्ट कहते हैं।
- प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएं:
- हसदेव बांगो जलविद्युत परियोजना (कोरबा)
- गंगरेल डेम (धमतरी) – सिंचाई के साथ-साथ जलविद्युत भी।
- कोडार जल परियोजना (महासमुंद)
- हालाँकि राज्य में जलविद्युत उत्पादन की क्षमता सीमित है, लेकिन यह हरित ऊर्जा स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण है।
3. नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy)
- छत्तीसगढ़ सरकार सौर और बायोमास ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। राज्य के कई जिलों में सोलर पावर प्लांट लगाए जा रहे हैं।
- सोलर प्लांट्स: रायपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद आदि में।
- बायोमास प्लांट्स: कृषि अपशिष्ट और वन अपशिष्ट से बिजली।
- राज्य की Chhattisgarh State Renewable Energy Development Agency (CREDA) इस क्षेत्र में सक्रिय है।
4. बिजली वितरण और राज्य की भूमिका
राज्य में CSPGCL (Chhattisgarh State Power Generation Company Limited) बिजली का उत्पादन करती है।CSPDCL (Distribution Company) बिजली वितरण का कार्य देखती है।
छत्तीसगढ़ देश के कई राज्यों को बिजली सप्लाई करता है, जिससे यह ऊर्जा निर्यातक राज्य बन चुका है।
कांकेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान – छत्तीसगढ़ का प्रकृति मंदिर
कांकेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Kanker Valley National Park) छत्तीसगढ़ राज्य के कांकेर जिले में स्थित एक प्रस्तावित राष्ट्रीय उद्यान है, जिसे प्राकृतिक संपदा, जैव विविधता और जनजातीय संस्कृति के लिए पहचाना जाता है। यह पार्क घने वनों, दुर्लभ जीव-जंतुओं और मनोहारी पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसे प्रकृति प्रेमियों और पर्यावरणविदों के लिए स्वर्ग जैसा बनाता है।1.स्थान: कांकेर जिला, छत्तीसगढ़
क्षेत्रफल: लगभग 200 वर्ग किलोमीटरयह क्षेत्र सतपुड़ा पर्वतमाला की श्रेणी में आता है और वनस्पतियों से भरपूर है।
2. प्राकृतिक सौंदर्य
कांकेर घाटी में साल, सागौन, अर्जुन, बेल, महुआ, तेंदू जैसे वृक्ष पाए जाते हैं।यह घाटी कई झरनों, नदियों और घने जंगलों से घिरी हुई है।
यहाँ की जलवायु वन्यजीवों के लिए उपयुक्त और संरक्षण योग्य है।
3. जैव विविधता (Flora & Fauna)
प्रमुख वन्यजीव:तेंदुआ
चितल, सांभर
भालू
जंगली सुअर
लकड़बग्घा
सांपों और पक्षियों की अनेक प्रजातियाँ
पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग:
यहाँ पर राजहंस, तोता, कठफोड़वा, उल्लू, गिद्ध, चील आदि पक्षियों की दर्जनों प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं।
4. जनजातीय प्रभाव और संरक्षण
यह क्षेत्र गोंड, मुरिया और हल्बा जनजातियों की पारंपरिक भूमि है।स्थानीय जनजातियाँ वनों से औषधीय पौधों, महुआ, तेंदूपत्ता और लकड़ी का उपयोग करती हैं।
जनजातीय जीवन और जंगल के बीच सामंजस्य यहाँ की विशेषता है।
5. पर्यटन और गतिविधियाँ
वन भ्रमण (Jungle Safari)ट्रेकिंग और बर्ड वॉचिंग
वन्यजीव फोटोग्राफी
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान – छत्तीसगढ़ की जैव विविधता का गौरव
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान (Guru Ghasidas National Park) छत्तीसगढ़ राज्य का एक प्रमुख वन्यजीव क्षेत्र है, जो कोरिया जिले में स्थित है। यह उद्यान अपनी घनी हरियाली, दुर्लभ वन्यजीवों और शांत प्राकृतिक परिवेश के लिए प्रसिद्ध है। इसका नाम छत्तीसगढ़ के महान समाज सुधारक गुरु घासीदास जी के सम्मान में रखा गया है।1. भौगोलिक स्थिति
- स्थान: कोरिया जिला, छत्तीसगढ़
- स्थापना वर्ष: 1981
- क्षेत्रफल: लगभग 1440 वर्ग किलोमीटर
- यह पार्क पहले संजय राष्ट्रीय उद्यान (जो मध्यप्रदेश में है) का हिस्सा था, लेकिन छत्तीसगढ़ गठन के बाद इसे अलग करके नया नाम दिया गया।
2. पर्यावरण और प्राकृतिक विशेषताएं
यह उद्यान सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में स्थित है।यहाँ बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं – बाणगंगा, गोपालनदी, और हसदेव नदी की सहायक धाराएँ।
घने जंगल, ऊँचे पहाड़, जलप्रपात और गहरी घाटियाँ इसे एक आदर्श इको-सिस्टम बनाते हैं।
3. जैव विविधता (Flora and Fauna)
वनस्पति (Flora):यहाँ मुख्यतः साल, सागौन, तेंदू, महुआ, हर्रा, बेल, अर्जुन आदि वृक्ष पाए जाते हैं।
जड़ी-बूटियाँ और औषधीय पौधों की प्रचुरता है।
4. वन्यजीव (Fauna):
बाघ (Tiger)तेन्दुआ, भालू, चीतल, सांभर, जंगली सूअर, गौर (बाइसन)
लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, खरगोश, नेवला
पक्षी: मोर, तोता, चील, उल्लू, कठफोड़वा, टिटहरी आदि
3. छत्तीसगढ़ की संस्कृति (Culture of Chhattisgarh)
छत्तीसगढ़
की संस्कृति अत्यंत रंगीन और जीवंत है। यहाँ की लोककला, नृत्य, पर्व-त्योहार, और परंपराएं
राज्य को सांस्कृतिक रूप से विशेष बनाते हैं।
लोकनृत्य:
पंथी नृत्य: सतनामी समाज का प्रमुख धार्मिक नृत्यराउत
नाचा: यादव समुदाय का पारंपरिक युद्ध शैली वाला नृत्य
सुआ
नृत्य: महिलाओं द्वारा दीपावली के समय किया जाने वाला नृत्य
करमा
नृत्य: आदिवासी समाज का सामूहिक नृत्य
लोक
संगीत और वाद्य:
मांदर,
ढोल, मंजीरा, नगाड़ा जैसे वाद्य यंत्रों का प्रयोग
लोक
गीतों में प्रकृति, प्रेम, त्यौहार और देवताओं की आराधना
त्योहार:
बस्तर
दशहरा: विश्व का सबसे लंबा चलने वाला दशहरा
हरेली:
खेती से जुड़ा पारंपरिक त्यौहार
गोंचा,
भोजली, नवाखाई, मडई: ग्रामीण और आदिवासी जीवन से जुड़े पर्व
भाषा
और वेशभूषा:
प्रमुख
भाषाएं: छत्तीसगढ़ी, हिंदी, और जनजातीय बोलियाँ
महिलाएँ
पारंपरिक लुगड़ा पहनती हैं, जबकि पुरुष धोती-कुर्ता पहनते हैं
गहनों
और सिर पर बांधे जाने वाले पगड़ी व गमछा का विशेष महत्व है
छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल | Tourist Places of Chhattisgarh in Hindi
छत्तीसगढ़
प्राकृतिक सौंदर्य, जलप्रपातों, गुफाओं, ऐतिहासिक स्थलों और आदिवासी संस्कृति से भरपूर
एक अनोखा राज्य है। यहाँ के पर्यटन स्थल पर्यटकों को प्रकृति, इतिहास, संस्कृति और
रोमांच का अद्भुत संगम प्रदान करते हैं।
1.
चित्रकोट जलप्रपात (Chitrakote Waterfall)
इसे "भारत का नियाग्रा फॉल्स" कहा जाता है।
मानसून के दौरान इसका नज़ारा बेहद मनमोहक होता है।
2. तीर्थगढ़ जलप्रपात (Tirathgarh Waterfall)
स्थान: कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, बस्तरयह सीढ़ीनुमा झरना पर्यटकों को शांत और प्राकृतिक अनुभव देता है।
3. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Kanger Valley National Park)
विशेषता: जैव विविधता, गुफाएं और वन्यजीवयहाँ कुटुमसर गुफा, डंडामी गुफा और बटेसर गुफा प्रसिद्ध हैं।
4. मैनपाट (Mainpat)
स्थान: सरगुजा जिलाछत्तीसगढ़ का "मिनी शिमला" कहा जाता है।
तिब्बती संस्कृति, झरने और हरियाली के लिए प्रसिद्ध।
5. बामलेश्वरी मंदिर, डोंगरगढ़
स्थान: राजनांदगांवपहाड़ी पर स्थित यह मंदिर देवी बमलेश्वरी को समर्पित है, जो आस्था का प्रमुख केंद्र है।
6. सिरपुर (Sirpur)
स्थान: महासमुंद जिलायह एक ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल है।
यहाँ बौद्ध विहार, लक्ष्मण मंदिर और प्राचीन मूर्तियाँ हैं।
7. राजिम (Rajim)
विशेषता: त्रिवेणी संगम (महानदी, पैरी, सोंढूर)राजिम कुंभ मेला और प्राचीन राजीवलोचन मंदिर के लिए प्रसिद्ध।
8. बूढ़ा तालाब और विवेकानंद सरोवर, रायपुर
रायपुर शहर के बीचों-बीच स्थित यह झील स्थानीय और बाहरी पर्यटकों का लोकप्रिय स्थल है।
9. मल्हार (Malhar)
स्थान: बिलासपुर जिलायह एक ऐतिहासिक स्थल है जहाँ प्राचीन मंदिरों और मूर्तियों के अवशेष मिले हैं।
10. खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय
विश्व का पहला संगीत विश्वविद्यालय, जो इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है।अन्य लोकप्रिय स्थल:
डोंगरगढ़, रायगढ़ का रामझरना, कोरबा का मदनपुर हॉट वाटर स्प्रिंग, कवर्धा पैलेस, अचानकमार टाइगर रिज़र्व, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, आदि।
परीक्षा उपयोगी रोचक तथ्य
छत्तीसगढ़ के परीक्षा उपयोगी रोचक तथ्य | Chhattisgarh GK for Competitive Exams
सामान्य तथ्य (General Facts Chhattisgarh GK)
1. छत्तीसगढ़ की स्थापना: 1 नवम्बर 2000 को मध्य प्रदेश से विभाजित होकर हुआ।2. राजधानी: रायपुर
3. नया राजधानी क्षेत्र: नवा रायपुर (Atal Nagar)
4. कुल जिले (2024 तक): 33
5. सबसे बड़ा जिला (क्षेत्रफल में): बस्तर
6. सबसे छोटा जिला (जनसंख्या में): नारायणपुर
7. राजकीय भाषा: हिन्दी
8. स्थानीय बोली: छत्तीसगढ़ी
9. राजकीय पशु: जंगली भैंसा (Wild Buffalo)
10. राजकीय पक्षी: पहाड़ी मैना
11. राजकीय वृक्ष: साल वृक्ष
12. राजकीय फूल: ढाल फूल (Rhynchosia)
इतिहास और संस्कृति से जुड़े तथ्य:
13. छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम: दक्षिण कोशल
14. प्रसिद्ध बौद्ध स्थल: सिरपुर
15. प्राचीनतम मंदिर: लक्ष्मण मंदिर, सिरपुर
16. गोंड राज्य की राजधानी: रतनपुर
17. भोजशाला किसे कहते हैं: खरौद को
18. लोकनृत्य: करमा, सुआ, पंथी, राउत नाचा
19. त्योहार: छेरछेरा, हरेली, पोला, मड़ई, गोंचा
20. बस्तर दशहरा: दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला लोक पर्व (75 दिन तक)
भूगोल और पर्यावरण:
21. छत्तीसगढ़ का भू-आकृतिक क्षेत्र: दक्कन पठार
22. मुख्य नदी: महानदी
23. सबसे लंबी नदी: शिवनाथ
24. वन क्षेत्र: राज्य के लगभग 44% भाग पर वनों का विस्तार
25. प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान: अचानकमार, गुरु घासीदास, कांगेर घाटी
26. प्रसिद्ध जलप्रपात: चित्रकोट, तीर्थगढ़
27. प्राकृतिक थर्मल स्प्रिंग: तातापानी (बलरामपुर जिला)
अर्थव्यवस्था और कृषि:
28. धान का कटोरा: छत्तीसगढ़ को कहा जाता है
29. मुख्य फसलें: धान, गेहूं, चना, सोयाबीन, कोदो-कुटकी
30. प्रमुख खनिज: कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, डोलोमाइट, टिन
31. प्रमुख उद्योग: भिलाई स्टील प्लांट, BALCO, Jindal, NTPC
32. प्रसिद्ध योजनाएं: राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना
वर्तमान तथ्य (2024 अपडेटेड):
33. मुख्यमंत्री (2024): विष्णुदेव साय
34. राज्यपाल: बिस्वा भूषण हरिचंदन
35. राज्य उच्च न्यायालय: बिलासपुर
36. CGPSC गठन वर्ष: 2001
छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान - महत्वपूर्ण MCQ प्रश्न
01.
छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना कब हुई थी?
A)
15 अगस्त 1947
B)
26 जनवरी 1950
C)
1 नवम्बर 2000
D)
25 जून 1999
उत्तर:
C) 1 नवम्बर 2000
02.
छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम क्या था?
A)
अवध
B)
दक्षिण कोशल
C)
गोंडवाना
D)
कालिंग
उत्तर:
B) दक्षिण कोशल
03.
छत्तीसगढ़ का कौन-सा जिला सबसे अधिक क्षेत्रफल वाला है?
A)
रायपुर
B)
बस्तर
C)
कोरबा
D)
बिलासपुर
उत्तर:
B) बस्तर
04.
कौन-सी नदी छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी नदी है?
A)
महानदी
B)
इंद्रावती
C)
शिवनाथ
D)
अरपा
उत्तर:
C) शिवनाथ
05.
छत्तीसगढ़ को ‘धान का कटोरा’ क्यों कहा जाता है?
A)
यहाँ धान नहीं उगता
B)
धान सबसे अधिक आयात होता है
C)
धान उत्पादन में अग्रणी राज्य है
D)
धान की कीमत सबसे कम है
उत्तर:
C) धान उत्पादन में अग्रणी राज्य है
06.
छत्तीसगढ़ की राजकीय भाषा क्या है?
A)
छत्तीसगढ़ी
B)
उर्दू
C)
हिन्दी
D)
मराठी
उत्तर:
C) हिन्दी
07.
छत्तीसगढ़ का कौन-सा जलप्रपात ‘भारत का नियाग्रा’ कहलाता है?
A)
तीरथगढ़
B)
चित्रकोट
C)
मंडवा
D)
चुरचुरा
उत्तर:
B) चित्रकोट
08.
छत्तीसगढ़ के किस जिले में BALCO स्थित है?
A)
रायगढ़
B)
कोरबा
C)
बिलासपुर
D)
बस्तर
उत्तर:
B) कोरबा
09.
छत्तीसगढ़ में पंथी नृत्य किस समुदाय से जुड़ा है?
A)
गोंड
B)
सतनामी
C)
बौद्ध
D)
राजगोंड
उत्तर:
B) सतनामी
10.
राज्य का राजकीय पशु कौन-सा है?
A)
हाथी
B)
तेंदुआ
C)
जंगली भैंसा
D)
गौर
उत्तर:
C) जंगली भैंसा
11.
छत्तीसगढ़ में ‘मैनपाट’ किस लिए प्रसिद्ध है?
A)
स्टील प्लांट
B)
गर्म जल स्रोत
C)
बौद्ध संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य
D)
तेल भंडार
उत्तर:
C) बौद्ध संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य
12.
छत्तीसगढ़ का कौन-सा पर्व लोकनाट्य और रथ यात्रा के लिए प्रसिद्ध है?
A)
पोला
B)
हरेली
C)
बस्तर दशहरा
D)
छेरछेरा
उत्तर:
C) बस्तर दशहरा
13.
सिरपुर किस नदी के तट पर स्थित है?
A)
इंद्रावती
B)
शिवनाथ
C)
महानदी
D)
अरपा
उत्तर:
C) महानदी
14.
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान किस जिले में स्थित है?
A)
कोरबा
B)
बलरामपुर
C)
सूरजपुर
D)
सरगुजा
उत्तर:
D) सरगुजा
15.
राज्य के पहले मुख्यमंत्री कौन थे?
A)
रमन सिंह
B)
अजीत जोगी
C)
भूपेश बघेल
D)
विष्णुदेव साय
उत्तर:
B) अजीत जोगी
16.
छत्तीसगढ़ के पहले राज्यपाल कौन थे?
A)
दिनेश नंदन सहाय
B)
बी.एल. जोशी
C)
शेखर दत्त
D)
सुशीला तिवारी
उत्तर:
A) दिनेश नंदन सहाय
17.
‘गोधन न्याय योजना’ का उद्देश्य क्या है?
A)
किसानों को मुफ्त बीज देना
B)
गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाना और रोजगार देना
C)
पशुपालन को बढ़ावा देना
D)
गायों को स्वास्थ्य सुविधाएं देना
उत्तर:
B) गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाना और रोजगार देना
18.
छत्तीसगढ़ का एकमात्र टिन उत्पादन क्षेत्र कौन-सा है?
A)
जगदलपुर
B)
कोरबा
C)
दंतेवाड़ा
D)
कोंडागांव
उत्तर:
D) कोंडागांव
19.
छत्तीसगढ़ के किस जिले में ‘इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय’ स्थित है?
A)
बिलासपुर
B)
रायपुर
C)
खैरागढ़
D)
दुर्ग
उत्तर:
C) खैरागढ़
20.
छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध लोकगीत ‘सुआ’ किस अवसर पर गाया जाता है?
A)
विवाह में
B)
फसल की कटाई पर
C)
दिवाली पर
D)
तीजा पर्व पर
उत्तर: C) दिवाली पर
22.
‘अबूझमाड़िया जनजाति’ किस क्षेत्र में निवास करती है?
A)
सरगुजा
B)
बलौदाबाजार
C)
अबूझमाड़ (नारायणपुर और बीजापुर)
D)
रायगढ़
उत्तर:
C) अबूझमाड़ (नारायणपुर और बीजापुर)
23.
छत्तीसगढ़ में ‘मड़ई मेला’ का आयोजन क्यों होता है?
A)
पर्यावरण जागरूकता के लिए
B)
देवी-देवताओं की पूजा और लोकसंस्कृति के उत्सव के रूप में
C)
कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए
D)
वन्य जीव संरक्षण के लिए
उत्तर:
B) देवी-देवताओं की पूजा और लोकसंस्कृति के उत्सव के रूप में
24.
छत्तीसगढ़ में ‘गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान’ किस जिले में फैला हुआ है?
A)
मुंगेली और कबीरधाम
B)
बलरामपुर और सूरजपुर
C)
रायगढ़ और जशपुर
D)
दंतेवाड़ा और सुकमा
उत्तर:
B) बलरामपुर और सूरजपुर
25.
‘छेरछेरा’ पर्व किस अवसर पर मनाया जाता है?
A)
विवाह के समय
B)
नये वर्ष पर
C)
फसल कटाई के बाद
D)
पशु पूजन के अवसर पर
उत्तर:
C) फसल कटाई के बाद
26.
छत्तीसगढ़ के किस जिले को ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है?
A)
दुर्ग
B)
महासमुंद
C)
बिलासपुर
D)
रायगढ़
उत्तर:
C) बिलासपुर
27.
सिरपुर का ऐतिहासिक महत्व किस धर्म से जुड़ा है?
A)
बौद्ध धर्म
B)
जैन धर्म
C)
वैष्णव धर्म
D)
इस्लाम धर्म
उत्तर:
A) बौद्ध धर्म
28.
'छत्तीसगढ़ महतारी' की मूर्ति में महिला के हाथ में क्या होता है?
A)
धनुष-बाण
B)
धान की बालियाँ
C)
माला और गदा
D)
किताब और दीपक
उत्तर:
B) धान की बालियाँ
29.
छत्तीसगढ़ का कौन-सा शहर इस्पात उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है?
A)
रायपुर
B)
बिलासपुर
C)
भिलाई
D)
कोरबा
उत्तर:
C) भिलाई
30.
‘गुरु घासीदास’ किस सामाजिक आंदोलन से जुड़े थे?
A)
आर्य समाज
B)
सतनाम पंथ
C)
ब्रह्म समाज
D)
सुधार समिति
उत्तर:
B) सतनाम पंथ
31.
छत्तीसगढ़ के किस पर्व में लड़कियाँ तोते की आवाज निकालती हैं?
A)
हरेली
B)
सुआ
C)
करमा
D)
छेरछेरा
उत्तर:
B) सुआ
32.
‘कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान’ किस जिले में है?
A)
कोरबा
B)
नारायणपुर
C)
बस्तर
D)
कबीरधाम
उत्तर:
C) बस्तर
33.
छत्तीसगढ़ की किस योजना का उद्देश्य गोबर की खरीद और वर्मी कम्पोस्ट बनाना है?
A)
किसान समृद्धि योजना
B)
गोधन न्याय योजना
C)
हर खेत को पानी योजना
D)
पशु समृद्धि योजना
उत्तर:
B) गोधन न्याय योजना
34.
कौन-सी जनजाति ‘अबूझमाड़’ क्षेत्र में निवास करती है?
A)
बैगा
B)
पंडो
C)
अबूझमाड़िया
D)
कोरकू
उत्तर:
C) अबूझमाड़िया
35.
छत्तीसगढ़ की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है?
A)
बैलाडीला
B)
मैकल
C)
गुड़ियापाठ
D)
ढोलकल
उत्तर:
C) गुड़ियापाठ
36.
छत्तीसगढ़ का कौन-सा पर्व "भिक्षाटन" परंपरा से जुड़ा है?
A)
गोंचा
B)
पोला
C)
छेरछेरा
D)
हरेली
उत्तर:
C) छेरछेरा
37. 'बलरामपुर' जिला किस प्रदेश के बॉर्डर से लगा है?
A)
झारखंड
B)
उड़ीसा
C)
महाराष्ट्र
D)
आंध्रप्रदेश
उत्तर:
A) झारखंड
38. छत्तीसगढ़ के किस पर्व में 'रथ यात्रा' निकाली जाती है?
A)
करमा
B)
दशहरा
C)
गोंचा
D)
मड़ई
उत्तर:
B) दशहरा (बस्तर दशहरा)
39. छत्तीसगढ़ में कितने ताप विद्युत संयंत्र (thermal power plants) प्रमुख रूप से कार्यरत हैं?
A) 2
B) 4
C) 7
D) 10
उत्तर: D) 10 (2024 के अनुसार प्रमुख संयंत्रों की संख्या)
40. ‘छत्तीसगढ़ी’ भाषा किस भाषा परिवार से संबंधित है?
A)
द्रविड़ियन
B)
सिन्धु-आर्यन
C)
ऑस्ट्रिक
D)
भारोपीय
उत्तर: D) भारोपीय
Chhattisgarh GK for Competitive Exams
- स्थानीय संस्कृति लोकगीत और छत्तीसगढ़ी परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में प्रथम आकाशवाणी केंद्र की स्थापना रायपुर में 26 जनवरी 1963 को हई थी।
- जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रमुख शैल चित्र है जैसे– रायगढ़ जिले के करमागढ़ ,बसनाझर, भैसगढ़ी, बेनीपाट से शैलचित्र प्राप्त हुए है। छत्तीसगढ़ में कई स्टील प्लांट एवं कोल माइनिंग (खनन) में भी अपनी विशेष पहचान रखती है।
- क्रेडा छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण का संक्षिप्त रूप है।
- छत्तीसगढ़ में 2011 के जनगणना के अनुसार अगर साक्षरता दर देखी जाए तो 70.28% थी। जिसमे पुरुष साक्षरता 80.27% एवं महिला साक्षरता 60.24% थी।
- प्रागैतिहासिक कालीन के सर्वाधिक शैलचित्र रायगढ़ जिले में प्राप्त हुए हैं।